हैंडसम शेयर बाजार के निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत,अब कुछ भी हो सकता है सेंसेक्स शेयर बाजार में

भारतीय शेयर बाजार वर्तमान समय में अपने सर्वोच्च स्तर के आसपास कारोबार कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण है की वर्तमान समय में भारत में मोदी सरकार द्वारा कई तरह के क्रांतिकारी फैसले अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए उठाये गए तथा यह फैसले आगामी 25 वर्षों की जरूरत के हिसाब से लिए जा रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा लिए गए क्रांतिकारी फैसलों तथा किए गए आर्थिक सुधार का सुखद परिणाम आना शुरू हो गया है। 


हैंडसम शेयर बाजार के निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत

बुल मार्केट में इस टाइम जबरदस्त रौनक है। दलाल पथ गुलजार है, सेंसेक्स मार्केट शेयर बाजार नित्य नई ऊंचाइयों को छू रहा है।


 भारत की जीडीपी वर्तमान समय में विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ाने वाली जीडीपी बन गई है। वहीं पर राजस्व उगाही पर भी अच्छी खबरें लगातार सुनने में आ रही हैं। देश में जीएसटी का कलेक्शन लगातार ही बढ़ता जा रहा है, जिससे पता चलता है की देश में आर्थिक प्रगति लगातार हो रही है। 

इस सबके बावजूद देश में लोकसभा चुनाव के की घोषणा हो चुकी है। आगामी दो माह में भारत में चुनावी  सरगर्मियां अपने चरम पर रहेंगी तथा इन दो माह में सरकार कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती। ऐसी भी संभावना है की स्टॉक मार्केट में कुछ प्रॉफिट बुकिंग भी देखी जा सकती है। वहीं पर विदेशी संस्थागत निवेशक भी कुछ पूंजी की निकासी शेयर बाजार से कर सकते हैं।

 ऐसे में dear bajar के समझदार निवेशक को सतर्क रहने की आवश्यकता है। समझदार निवेशक को मौका मिलने पर कुछ प्रॉफिट बुकिंग कर लेनी चाहिए तथा हर गिरावट पर थोड़ी-थोड़ी खरीददारी भी करनी चाहिए।


शेयर मार्किट क्या है

भारत में करोड़ लोग आज भी यह नहीं जानते की शेयर मार्केट क्या है?

आज शेयर मार्केट फंडा ऐसे लोगों को जानकारी दे रहा है की, शेयर बाजार वह जगह होती है जहां पर विभिन्न कंपनियों के शेयर खरीदे तथा बेचे जाते हैं।


share market ka badshah | stock market ka badshah 

 आज भारत संचार क्रांति का अगुवा देश बना हुआ है। 10 वर्ष पूर्व देश में मोदी सरकार आने के बाद पिछले कुछ वर्षों में भारत में क्रांतिकारी आर्थिक बदलाव देखे गए हैं। भारतीय शेयर बाजार में भी पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ो कंपनियां लिस्ट हुई है। एक नया निवेशक जब इस डियर बाजार में अपनी पूंजी निवेश करता है, तो कई बार नासमझी में वह गलत स्टॉक खरीद लेता है, जिसके कारण उसको नुकसान झेलना पड़ता है। हर निवेशक को share market badshah बाबत जानकारी होनी चाहिए।

  निवेशक को अपनी पूंजी दलाल पथ पर इस  डियर बाजार में निवेश करने से पर्व पूर्व लिए जाने वाले स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस तथा टेक्निकल एनालिसिस अवश्य ही कर लेना चाहिए। शेयर मार्केट का बादशाह स्टॉक को अपने पोर्टफोलियो में जरूर रखना चाहिए तथा हर निवेशक को डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो ही रखना चाहिए।



स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

हैंडसम शेयर बाजार निवेश करने से पूर्व हर निवेशक को सावधानी रखनी चाहिए। स्टॉक मार्केट में निवेशक को हर कदम ठोक ठोक कर उठाना चाहिए। निदेशक को लॉन्गटर्म के लिए अपनी पूंजी निवेश करनी चाहिए। हर निवेशक को डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो रखना चाहिए। डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो रखने से जोखिम की मात्रा काम हो जाती है।

 निवेशक को अपनी पूंजी को इक्विटी, रियलिटी, बॉन्ड, गोल्ड आदि में थोड़ा-थोड़ा निवेश करना चाहिए। कुछ निवेश इंटरनेशनल शेयर मार्केट में भी करना चाहिए।

 इंटरनेशनल शेयर मार्केट जैसे kospi share bajar , dax share bajar, ताइवान शेयर बाजार, डाइजान शेयर बाजार,आज का शेयर बाजार आदि पर भी अपना ध्यान रखना चाहिए । कुछ विदेशी स्टॉक्स को भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए। हर निवेशक को एक्सपर्ट ऑपनियन भी लेनी चहिए। top10 agriculture company in world की भी जानकारी होनी चाहिए।

stock market funda को समझकर निवेशक share market ka badshah तथा stock market ka betaj badshah बन सकता है। दमदार खिलाड़ी तथा खतरों का खिलाड़ी सेंसेक्स शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व शेयर मार्केट का गणित और शेयर बाजार के नियम सिख कर सीख कर ही सेंसेक्स शेयर बाजार में प्रवेश करता है। शेयर बाजार की भविष्यवाणी करना बड़े से बड़े epert के लिए भी संभव नहीं होता बल्कि कुछ अनुमान ही लगाए जा सकते हैं।

स्मॉल मिडकैप शेयरों का खराब प्रदर्शन

निफ्टी सेंसेक्स शेयर बाजार में उतार चढ़ाव जारी है ।डियर बाजार में स्मॉल मिडकैप शेयरों की पिटाई का सिलसिला जारी है। हैंडसम शेयर बाजार में स्मॉल मिडकैप शेयरों का 15 माह का सबसे खराब प्रदर्शन शेयर बाजार के एक्सपर्ट को भी हैरान कर रहा है। वही दूसरी तरफ पूंजी बाजार नियामक सेबी  की तरफ से स्मॉल और मिडकैप शेयरों के बाबत अपनी चिंता जाहिर करने से वर्तमान कारोबारी सप्ताह में इन दोनों इंडेक्स में निवेशकों के लगभग 5. 8 लाख करोड रुपए डूब गए।

सेबी ने म्यूचुअल फंडस को स्मॉल मिडकैप शेयरों बाबत सलाह दी 

वही सेबी ने म्युचुअल फंडस को एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है कि उन्हें वर्तमान समय में स्मॉल कैप और मिडकैप शेयरों में अपने निवेश को सीमित करना चाहिए। सेबी की चेयर पर्सन माधवी पुरी बुच के दिए गए इस बयान से शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखी गई तथा वर्तमान कारोबारी सप्ताह स्मॉल कैप के शेयरों के लिए 15 हफ्ते में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सप्ताह रहा। निफ़्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में पिछले  करीब 1 वर्ष में शानदार बढ़ोतरी दर्ज करवाई है तथा 1 वर्ष में small cap index लगभग दोगुना हो गया है। वही मिडकैप इंडेक्स भी लगभग 60% की तेजी के साथ अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है।


चुनावी उठा पटक के बीच स्टॉक मार्केट में कुछ करैक्शन देखा जा सकता है

भारत में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लागू कर दी गई है। आगामी 2 महीने हमें भारत में चुनावी गतिविधियां अपने शीर्ष पर दिखाई देगी। आचार संहिता लगी होने के कारण वर्तमान मोदी सरकार अब कोई भी नीतिगत नहीं ले सकती। चुनावी माहौल के बीच विदेशी संस्थागत निवेशको द्वारा भी अपनी कुछ पूंजी भारतीय शेयर बाजारों से निकालने की भी आशंका है तथा वह विदेशी सस्थागत निवेशक मुनाफा वसूली कर सकते हैं। जिसके कारण हमें भारतीय शेयर बाजार में कुछ गिरावट देखने को मिल सकती है। कल शुक्रवार को कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली देखी गई। कारोबारी सत्ता के आखिरी दिन सेंसेक्स एक बार फिर से 73 000 अंकों के नीचे बंद हुआ कल सेंसेक्स में लगभग 453.85 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, वही निफ्टी भी 123.30 अंक गिरकर 22023.35 अंको पर बंद हुआ।


भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी जारी

भारत के यशस्वी और सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए जा रहे क्रांतिकारी कदमों की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। 8 मार्च को समाप्त हए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10.47 अरब डॉलर की जबरदस्त बढ़ोतरी के साथ 636.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारत का विदेशी मुद्रा भडार 2 वर्ष के उच्चस्तर पर पहुंच गया है।

बढ़ते विदेशी व्यापार के कारण भारत में सेंसेक्स मार्केट शेयर बाजार में तेजी बनी रहेगी।

विश्व भर में फैली अनिश्चिताओं और व्यापक आर्थिक अनिश्चताओं के बाद भी भारत का विदेश व्यापार तीव्र गति से बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2023 24 मई 1,60,000 करोड डालर से भी ज्यादा हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव में ने अपने जारी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है की चालू वित्त वर्ष के लिए यह भारतीय जीडीपी, जो कि वर्तमान में लगभग 3,40,000 करोड़ है, का लगभग 48% होगा। ध्यान देने की बात यह है की यह निर्यात वस्तुओं के निर्यात की अपेक्षा सेवाओं के निर्यात का ज्यादा है, और सेवा निर्यात में वृद्धि से भारत के कुल निर्यात में  बढ़ोतरी है।



 चालू वित्त वर्ष में भारत का कुल निर्यात माल और सेवा को मिलाकर लगभग 755 अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान है, यह उससे पूर्व के वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में लगभग 11  11.5% से भी अधिक होगा, वही वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी भारत के व्यापारिक निर्यात में और सेवा निर्यात में भी अच्छी बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

Fixed deposit ने डेट फंड और इक्विटी से शानदार रिटर्न अपने निवेशकों को दिया।


विश्व भर में अनेक देशों में बैंकों के ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला रुकने का नाम भी नहीं ले रहा। अमेरिका में भी वर्तमान में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें पिछले कई वर्षों के मुकाबले में सर्वाधिक हैं। भारत में भी वर्तमान में बैंकों द्वारा लगातार अपने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है, जिसके कारण बैंकों में एफडी | फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। वहीं पर विश्व में छाई आर्थिक अनिच्छता के कारण इक्विटी में लगातार गिरावट नजर आई है और निवेशकों का भरोसा वर्तमान समय में इक्विटी और डेट फंड के मुकाबले 60% बड़ा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई द्वारा भी रेपो दर पिछले कई महीनों से कई बार बढ़ाई गई है, वही वर्तमान समय में हैंडसम शेयर बाजार का पूरा ध्यान आरबीआई द्वारा इस सप्ताह प्रस्तुत की जाने वाली मौद्रिक समिति की होने वाली बैठक के फैसले पर टिका है। आर्थिक विशेषज्ञों का यह मानना है कि आरबीआई एक बार फिर से वर्तमान में ब्याज दरों में 0.25% बढ़ोतरी कर सकता है।


 शेयर मार्केट टिप्स

सेंसेक्स शेयर बाजार के निवेशकों को वर्तमान समय में इस हैंडसम शेयर बाजार में बहुत ही सतर्क रहने की आवश्यकता है। निवेशक शेयर इस डियर बाजार में होने वाली प्रत्येक गिरावट में थोड़ा-थोड़ा निवेश sip के माध्यम से करते रहे। सिप के माध्यम से निवेश करने से जो पूंजी बाज़ार में जोखिम की मात्रा कम हो जाती है। निवेशक को हमेशा ही दीर्घकालीन नजरिए के साथ ही एस हैंडसम शेयर बाजार में निवेश करने आना चाहिए। डियर बाजार कोई bhutiya dada या khatarnak bhoot नहीं है। निवेशक को शेयर बाजार की सेहत पर अपनी गहरी नजर बनाए रखनी चाहिए।




भारत से स्मार्टफोन निर्यात में भारी तेजी


भारत सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत स्मार्टफोन की मैन्युफैक्चरिंग में भारी तेजी आई है। आज से कुछ वर्ष पहले भारत पूर्ण रूप से स्मार्टफोन के आयात पर निर्भर था, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेक इन इंडिया प्रोग्राम को बढ़ावा दिया गया, जिसके शानदार रिजल्ट अब दिखाई देने लगे हैं। बीते वित्तीय वर्ष 2022 23 में ऐसी संभावना है की भारत का स्मार्टफोन का निर्यात 10 अरब डालर यानि ₹ 82,000 करोड़ भारतीय रुपए से भी ज्यादा पहुंच सकता है। भारत से होने वाले स्मार्टफोन के निर्यात में  एप्पल कंपनी के स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 50% तक होने की उम्मीद है, वहीं पर एक दूसरी दिग्गज कंपनी सैमसंग की हिस्सेदारी उक्त निर्यात में 40% तक हो सकती है, शेष अन्य कंपनियों की हिस्सेदारी 10 परसेंट तक हो सकती है।


भारत के आर्थिक क्षेत्र की कुछ प्रमुख झलकियां।

👉 भारत में मोदी सरकार द्वारा विमानन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके कारण देश में विमान ईंधन की भाग लगातार बढ़ रही है, और विमानों की मांग भारत में 25.7 परसेंट बढ़कर 6,14,000 टन तक पहुंच गई है।

👉 भारत के परिवहन क्षेत्र, उद्योग क्षेत्र, कृषि क्षेत्र में पेट्रोलियम पदार्थों की मांग तेजी से बड़ी है, और पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री मार्च माह में 5.1% बढ़कर 26.5 लाख टन तक पहुंच गई है। वहीं पर मासिक आधार पर बिक्री का आकलन करने पर यह बढ़ोतरी 3.4% है। इस दौरान डीजल की मांग में 2.1 परसेंट की तेजी आई है और यह  68.1लाख टन हो गई है। मासिक आधार पर मांग में यह बढ़ोतरी 4.5% है।

👉 भारत में  मार्च में बिजली खपत 0.74% घटकर 127.52 अरब यूनिट रह गई है। भारत में विगत 31 महीने के दौरान यह पहला मौका है जब देश में बिजली की खपत घटी है। भारत में बिजली की खपत में कमी आने का प्रमुख कारण मार्च में तापमान कम रहना है। मार्च में तापमान कम होने का प्रमुख कारण पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के कई हिस्सों में भारी बारिश का होना है।

largest food fompanies in the world | विश्व की बड़ी खाद्य कंपनियां

आज की इस पोस्ट में हम Top 10 Largest Food and Beverage Companies in the world , food companies, largest food Company, largest food and beverage companies in the world के बारे में जानकारी देंगे।


1. Nestle 

नेस्ले food and beverage की विश्व की नंबर एक कंपनी है। यह एक विश्व विख्यात कंपनी है और इस कंपनी का हेड क्वार्टर स्विट्जरलैंड में है। इस कंपनी का कारोबार 191 से अधिक देशों में फैला हुआ है। यह कंपनी मुख्य तौर पर बेबी फूड, बोटल वाटर, कॉफी, चॉकलेट, डेयरी प्रोडक्ट और पैट केयर प्रोडक्ट्स का उत्पादन करती है। भारत में भी नेस्ले कंपनी का नाम बहुत ही जाना पहचाना है और इस कंपनी के बहुत से प्रोडक्ट की भारत में भी जबरदस्त मांग और खपत है। यह कंपनी 1866 में स्विट्जरलैंड में स्थापित हुई थी।



2. PepsiCo 

पेप्सिको कंपनी फूड एंड बेवरेज के उत्पादन एवं  विपणन में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। यह कंपनी वर्ष 1965 में स्थापित हुई थी तथा पेप्सीको कंपनी का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका में है। भारत में भी पेप्सी कोला के कोल्ड ड्रिंक अत्यधिक लोकप्रिय है। भारत में पेप्सीको कंपनी का कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी गति से फैल रहा है। पेप्सीको कंपनी मुख्य तौर पर सॉफ्ट ड्रिंक, जूस, स्नैक्स, सॉफ्ट ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक का उत्पादन करती है।


3. Vinut

विनट कंपनी मुख्य तौर पर फ्रूट जूस, आइसोटोनिक ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, कॉफी ड्रिंक आदि का उत्पादन करती है। यह कंपनी वर्ष 1998 स्थापित हुई थी तथा इस कंपनी का हेड क्वार्टर वियतनाम में है। इस कंपनी का कारोबार मुख्य तौर पर विश्व के लगभग 200 देश में फैला हुआ है। इस कंपनी के मुख्य तौर पर तीन रजिस्टर्ड ब्रांड है जिनका नाम क्रमशः Vinut, Jojonavi और Cojo Cojo हैं।

यह कंपनी वियतनाम की एक प्रमुख निर्यातक कंपनी है और इस कंपनी द्वारा विश्व स्तरीय मीट के प्रोडक्ट का उत्पादन कर उनका निर्यात किया जाता है। इस कंपनी के उत्पाद विश्व स्तरीय होते हैं तथा लोग उन्हें बहुत पसंद करते हैं। इस कंपनी के द्वारा  फूड और बेवरेज के कई अन्य उत्पादों का उत्पादन भी किया जाता है।


4. The Coca-Cola Company

कोका-कोला कंपनी एक विश्व स्तरीय कंपनी है। इस कंपनी की स्थापना वर्ष 1886 में की गई थी। इस कंपनी का हेड क्वार्टर यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका में है, यह कंपनी मुख्य तौर पर एनर्जी ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक, बोटल वाटर, कॉफी और चाय का उत्पादन करती है। इस कंपनी का कारोबार विश्व के 200 से भी अधिक देश में फैला हुआ है। यह एक बहु राष्ट्रीय कंपनी है। भारत में भी इस कंपनी का कारोबार बहुत फैला हुआ है और भारत में इस कंपनी का कारोबार हजारों करोड रुपए का होता है। भारतीय लोग भी इस कंपनी के उत्पादों के दीवाने हैं।


5. Danone

यह कंपनी भी फूड एंड बेवरेज के क्षेत्र की एक जानी पहचानी कंपनी है। यह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसका हेड क्वार्टर फ्रांस में है। यह कंपनी मुख्य तौर पर बेबी फूड, मेडिकल न्यूट्रिशन, बोतल वाटर आदि का निर्माण करती है। इस कंपनी का कारोबार भी विश्व के अनेक देशों में फैला हुआ है। इस कंपनी के भी अनेक ब्रांड के नाम से प्रोडक्ट बाजार में आते हैं, जैसे Evain, Activa,Volvic, Nutricia आदि।


6. Walmart

 वॉलमार्ट एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसका हेड क्वार्टर अमेरिका में है। यह कंपनी रिटेल सेगमेंट की एक जानी पहचानी कंपनी है। विश्व में इस कंपनी के 11000 स्टोर से भी अधिक स्टोर फैले हुए हैं, जिसमें यह कंपनी स्नैक्स, बेकरी प्रोडक्ट, बेवरेज, कपड़े रेडीमेड गारमेंट्स आदि के उत्पाद बेचती है। भारतीय के बीच में भी वॉलमार्ट के उत्पाद बहुत ही लोकप्रिय है तथा उनकी मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।


7. Mars

यह कंपनी भी मुख्य तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका की ही कंपनी है। इसकी स्थापना वर्ष 1911 में हुई थी तथा इस कंपनी का हेड क्वार्टर अमेरिका में है। यह कंपनी मुख्य तौर पर फूड आइटम, पेट फूड, स्नैक्स आदि बहुत से उत्पादन बनाती और बेचती है।


8. JBS

यह कंपनी ब्राजील की एक विश्व स्तरीय कंपनी है, जो मुख्य तौर पर बीफ, मीट, चिकन प्रोडक्ट्स आदि का उत्पादन और निर्यात करती है। विश्व में इस कंपनी के प्रोडक्ट्स की बहुत डिमांड है। इसके उत्पाद अत्यंत उच्च क्वालिटी के साफ-सुथरे और विश्व स्तरीय होते हैं, जिसकी वजह से इस कंपनी के उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है।



9. Archer Daniels Midland Company

ऑर्चर डैनिएल्स मिडलैंड कंपनी एक agriculture products कंपनी है। यह कंपनी संयुक्त राज्य अमेरिका की है और वहीं पर इसका हेड क्वार्टर भी है। यह कंपनी मुख्य तौर पर एग्रीकल्चर कमोडिटी जैसे गेहूं, एनिमल फूड, बायोफ्यूल, मक्का आदि का उत्पादन करती है और उसका निर्यात भी करती है।


10. Tyson Foods  

टायसन फूड्स भी मुख्य तौर पर मीट का कारोबार करती है, जिसमें सभी तरह के मीट शामिल है। जैसे चिकन बीफ, पोल्ट्री प्रोडक्ट, मटन प्रोडक्ट आदि। इसके अतिरिक्त यह अन्य कई तरह के फूड प्रोडक्ट और स्नैकस बनाती है। इस कंपनी का हेड क्वार्टर भी यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका में है। इस कंपनी के प्रोडक्ट भी लोगों में बहुत पसंद किए जाते हैं।

chemical companies in india| भारत की रासायनिक कंपनियां

 विश्व में जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधियां बढ़ती है, वैसे-वैसे ही केमिकल की मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जाती है, भारत भी इससे अछूता नहीं है। वर्तमान समय में भारत की जीडीपी विश्व में सर्वाधिक तेज गति से बढ़ने वाली जीडीपी है तथा भारत की सरकार के कुशल नेतृत्व में भारत आज आर्थिक क्षेत्र का एक बड़ा खिलाड़ी बनकर उभर रहा है। आज भारत में विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या लगभग 140 करोड़ रहती है। 


देश में हो रहे तीव्र औद्योगिकरण और बढ़ती मांग के कारण केमिकल की मांग में भी तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है। कई उद्योगों में रसायनों की मांग में जबरदस्त वृद्धि के कारण भारत के रसायन क्षेत्र में तीव्र बढ़ोतरी देखी जा रही है। भारत के रसायन क्षेत्र से सरकार को अच्छा राजस्व भी मिल रहा है तथा भारत का केमिकल क्षेत्र में देश के लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यह क्षेत्र देश के जीडीपी में बढ़ोतरी में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। अनेक प्रकार के रसायनों के साथ-साथ एग्रोकेमिकल, पेट्रोकेमिकल और अन्य सैकड़ो तरह के विशेष रसायन एक केमिकल इंडस्ट्री द्वारा उत्पादित किए जा रहे हैं।



 केमिकल स्टॉक क्या है

विभिन्न प्रकार के केमिकल के उत्पादन में लगी कंपनियां के शेयर उसके स्टॉक कहलाते हैं। केमिकल क्षेत्र में भारत में सैकड़ो छोटी बड़ी कंपनियां कार्य कर रही है तथा रसायनों का उत्पादन कर रही है। सरकारी प्रयासों और तकनीकी सुधारो के दम पर पिछले कुछ वर्षों में केमिकल सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। केमिकल कंपनियां द्वारा अपने शेयरहोल्डर को भी झोलिया भरकर मुनाफा डिविडेंड के रूप में बांटा गया है तथा कुछ केमिकल कंपनियां द्वारा अपने शेयर होल्डर को अच्छा रिटर्न दिया गया है। टाटा केमिकल्स, रिलायंस इंडस्ट्री, आरती इंडस्ट्री, एशियन पेंट्स, पिडीलाइट इंडस्ट्री, बर्जर पेंटस जैसी रासायनिक कंपनियां भारतीय रासायनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी है। भारत की अच्छी केमिकल कंपनियां के स्टॉक में निवेश करना भविष्य के लिए अच्छे रिटर्न मिलने की गारंटी माना जाता है।


केमिकल स्टॉक में निवेश करने के कारण

भारत में आर्थिक सुधारो के कारण जनता की क्रय शक्ति में इजाफा हो रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में मांग में बढ़ोतरी के कारण हाल के वर्षों में रसायनों की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके आगे भी कई वर्षों तक जारी रहने की संभावना है। आज best chemical stocks और best penny stocks  में निवेश करना भविष्य के लिए अच्छा रिटर्न पाने का अच्छा माध्यम बन सकता है। कोई भी निवेशक रासायनिक कंपनियों के शेयर खरीद कर इन कंपनियों के मुनाफे में साझेदार बन सकते हैं।

भारत के केमिकल स्टॉक में निवेश करने में जरूरी सावधानियां

 इंडस्ट्री ट्रेंड : एक समझदार निवेशक को केमिकल क्षेत्र के स्टॉकस मैं निवेश करने से पहले इंडस्ट्री ट्रेंड को समझना चाहिए तथा एक्सपर्ट ऑपिनियन भी निवेश से पूर्व लेनी चाहिए।

 फाइनेंशियल परफॉर्मेंस : किसी भी केमिकल सेक्टर की कंपनी के स्टॉक में निवेश करने से पूर्व कंपनी की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस का अध्ययन करना चाहिए।

 मैनेजमेंट टीम : मैनेजमेंट टीम किसी भी कंपनी के लिए रीढ़ की हड्डी के समान होती है। जिस किसी भी कंपनी के पास अच्छी मैनेजमेंट टीम है, वह कंपनी अति शीघ्र ग्रोथ करती है तथा भविष्य में अच्छा मुनाफा कमाने की गारंटी होती है।

 टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस : हर निवेशक को किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पूर्व स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस तथा फंडामेंटल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए।

बैलेंस शीट का अध्ययन : कंपनी की बैलेंस शीट का अध्ययन भी अवश्य करना चाहिए। बैलेंस शीट से कंपनी की आर्थिक हालात का पता चल जाता है तथा कंपनी के ऊपर कर्ज की स्थिति की भी जानकारी हो जाती है।

एक्सपर्ट ऑपिनियन : एक समझदार निवेशक किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश करने से पूर्व उस स्टॉक्स के बारे में पूरी रिसर्च करता है तथा एक्सपर्ट ऑपिनियन भी लेता है।


top chemical companies in india | top १० chemical companies in india 

टाटा केमिकल्स लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, पी आई इंडस्टरीज लिमिटेड, यूपीएल लिमिटेड, आरती इंडस्ट्री लिमिटेड, एशियन पेंट्स, पिडीलाइट इंडस्ट्री, गोदरेज ग्रुप, अतुल,
नवीन फ्लोरीन इंटरनेशनल लिमिटेड, गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स लिमिटेड, विनती ऑर्गेनिक लिमिटेड, एसआरएफ लिमिटेड, प्राइमो केमिकल्स लिमिटेड, लक्ष्मी ऑर्गेनिक लिमिटेड आदि  बहुत सी  दिग्गज भारतीय कंपनियां केमिकल सेक्टर में उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं।  

एफएक्यू

भारत में रसायन उद्योग का भविष्य क्या है?

मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी, बढ़ती बढ़त और विश्व के सर्वाधिक मध्यम वर्गीय वर्ग की बदौलत तथा तीव्र औद्योगिकरण के कारण भारत में केमिकल्स की डिमांड में दिन दूनी  रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। आज भारत विश्व का सर्वाधिक तेज गति से विकास करने वाला राष्ट्र बन गया है। भारत की वर्तमान वित्तीय वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ लगभग 7% से ज्यादा रहने की संभावना है। कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि भारत में रसायन उद्योग का भविष्य अति उज्जवल है।

फार्मास्यूटिकल और केमिकल कंपनियों के बीच क्या अंतर होता है?

फार्मास्यूटिकल कंपनियां जहां दवाइयां बनाने में कार्यरत हैं, वहीं पर केमिकल कंपनियां विभिन्न प्रकार के रसायन बनाती हैं, तथा उन पर रिसर्च भी करती है तथा उनका उत्पादन भी करती है।

क्या रसायनिक क्षेत्र के स्टॉक में निवेश अच्छा निवेश है? 

हां, रासायनिक क्षेत्र के स्टॉकस ने पूर्व में अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है तथा भविष्य में भी ऐसी उम्मीद की जाती है की अच्छी रासायनिक कंपनियों के स्टॉक अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न देंगे।


Top Chemical Companies in the world

BASF  :   केमिकल क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी का हेडक्वार्टर जर्मनी में है।

Dow ink : इस दिग्गज केमिकल कंपनी का हैडक्वाटर यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका में है।

Saudi Basic Industries Corp : इस दिग्गज केमिकल कंपनी का हेड क्वार्टर सऊदी अरब में है।

Lyondell Basel Industries NV : इस दिग्गज केमिकल कंपनी का हेड क्वार्टर यूनाइटेड किंगडम में है। 

Mitsubishi Chemical Group Corp : इस केमिकल कंपनी का हेड क्वार्टर जापान में है।


Linde plc : केमिकल क्षेत्र की यह प्रमुख कंपनी है तथा इसका हेड क्वार्टर यूनाइटेड किंगडम में है।

Air Liquide SA का हेडक्वार्टर फ्रांस में है

Sherwin Williams Co : केमिकल क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी का हेडक्वार्टर यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका में है




भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए नई ऊंचाई पर पहुंचे।

भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी का शानदार सफर जारी है और यह एक ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंच गया है। शुक्रवार को शेयर बाजार बंद होने के वक्त 1.37 फीसदी तेजी के साथ 970 अंक उछलकर पहली बार 71,000 अंक पर बंद हुआ। वही निफ्टी ने भी सेंसेक्स के साथ कदमताल करते हुए अपने रिकॉर्ड स्तर के साथ बंद हुआ। बीएससी पर सूचीबद्ध कंपनियों की बाजार पूंजी में भी जबरदस्त उछाल देखा गया और यह 358 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर को पर कर गया।



अमेरिका के फेडरल रिजर्व के अगले वर्ष में ब्याज दरों में कटौती करने के उम्मीद से घरेलू शेयर बाजार झूम उठे। रियलिटी रियल्टी सेक्टर, प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के शेयरो में निवेशको की तेज खरीदारी देखी गई।

विदेशी संस्थागत निवेशको द्वारा भी भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त निवेश देखा जा रहा है।  विदेशी संस्थागत निवेदक फेडरल रिजर्व के दरों में कटौती के संकट से अमेरिकी बांड पर मिलने वाले रिटर्न पर तेज गिरावट से भी सहमे हुए हैं। अब उन्हें भारतीय शेयर बाजार अति आकर्षक लग रहे हैं। वहीं पर भारत में महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों से महंगाई में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं तथा देश के जीडीपी अनुमान भी बढ़ रहे हैं। बृहस्पतिवार को ही विदेशी संस्थागत निवेशकों ने घरेलू बाजार में 3570.07 करोड रुपए के निवेश किया।

आगामी वित्तीय वर्ष में दुनिया में तेल की मांग और खपत में तेज बढ़ोतरी होने की उम्मीद।


विशेषज्ञ का कहना है की पूरे विश्व में अगले वित्तीय वर्ष में तेल की मांग और खपत में तेज वृद्धि होने की उम्मीद है। इसका एक मुख्य कारण है की पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है।

 भारत दुनिया का विकास का नया इंजन बनकर उभर रहा है।  एशियाई विकास बैंक एडीबी ने चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को 6.3 फ़ीसदी से बढ़कर 6.7 फ़ीसदी कर दिया है। एशियाई बैंक  द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के आर्थिक आंकड़े भी औद्योगिक क्षेत्र में आई अत्यंत मजबूती के संकेत दे रहे हैं। भारत में निर्माण, खनन, निर्माण प्रौद्योगिकी, सेवा क्षेत्र, रियलिटी में भी अच्छी तेजी देखी जा रही है। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा भी लगातार विनिर्माण क्षेत्र में पूंजी निवेश किया जा रहा है। 

विशेषज्ञों के अनुसार नए साल में विश्व में तेल की खपत 11 लाख बैरल प्रतिदिन तक बढ़ सकती है। यह आंकड़ा पहले के अनुमानों से 1.301 बैरल अधिक है। वहीं पर ऐसा भी माना जा रहा है की ओपेक के द्वारा तेल उत्पादन में कटौती करने के बावजूद भी मांग और खपत में बढ़ोतरी होगी। वहीं पर वर्ष 2023 में तेल की खपत विश्व में लगभग 23 लाख बैरल प्रतिदिन पर पहुंच गई थी।


18 दिसंबर से निवेशकों को सावरण गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने का सुनहरी मौका


सस्ता सोना खरीदने की चाहत रखने वाले निवेशकों के लिए सावरेन गोल्ड बॉन्ड एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। गोल्ड बॉन्ड खरीदने वालों के लिए यह स्कीम पुनः 18 दिसंबर से 5 दिनों के लिए खुल रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके लिए रु 6,199 प्रति ग्राम मूल्य तय किया है। वित्तीय वर्ष 2013-24 में सावरेन गोल्ड बॉन्ड श्रृंखला तीन के लिए निवेश के लिए 18 से 22 दिसंबर तक खुली रहेगी।
 निवेशको को इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर या डिजिटल माध्यम से भुगतान करने पर ₹50 प्रति ग्राम की विशेष छूट मिलेगी। सावरेन गोल्ड बॉन्ड निवेशकों के लिए निवेश करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है और यह है निवेश का अत्यंत ही सुरक्षित मध्य बनता जा रहा है। निवेशकों को इसमें अत्यंत अच्छा रिटर्न भी मिल रहा है।

म्युचुअल फंड में एस आई पी के माध्यम से निवेश सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा।

भारत में निवेशको द्वारा म्युचुअल फंड में निवेश की गति दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है। म्युचुअल फंड आमतौर पर निवेश का सुरक्षित माध्यम माना जाता है। माह नवंबर 2023 में म्युचुअल फंड में सिप के जरिए पहली बार 17,000 करोड रुपए का निवेश म्युचुअल फंड की विभिन्न स्कीम्स में हुआ है। वही देश में निवेशकों के सिप खाते भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर 7.44 करोड़ से अधिक हो गए हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के माह नवंबर में ही लगभग 30.80 लाख नए एस आई पी खाता निवेशको द्वारा खोले गए हैं।



एसोसियेशन आफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार माह नवंबर में भारत में 17,073 करोड़ रुपए का निवेश निवेशको द्वारा sip के माध्यम से किया गया है। सितंबर में sip के माध्यम से हुए १४,०९१ करोड़ रुपए के रुपए के निवेश से यह 20% से भी अधिक बढ़ोतरी है।

ध्यान देने योग्य तथ्य यह भी है की वर्तमान में देश में त्योहारी सीजन चल रहा है कुछ समय पहले ही हिंदुओं का एक प्रसिद्ध त्योहार दिवाली भी था। दिवाली के त्योहार  में देश के नागरिकों द्वारा जबरदस्त खरीदारी की गई थी, जिससे बैंकिंग, ऑटो, एफएमजी सेक्टर, रियल एस्टेट सेक्टर आदि में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है।

म्युचुअल फंड की सभी केटेगरी में निवेश के द्वारा द्वारा निवेश का रुझान लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। म्युचुअल फंड में निवेश आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है तथा इनका रिटर्न भी अति आकर्षक होता है। इनका रिटर्न / म्युचुअल फंड की कई स्कीम्स का रिटर्न तो पोस्ट ऑफिस के फिक्स डिपॉजिट, बैंकों की एफडीआर से भी ज्यादा मिलता है। जिससे म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक निवेश का माध्यम बन गए हैं।

 म्युचुअल फंड में sip के  माध्यम से निवेश करना अति सुरक्षित माना जाता है। एस आई पी के माध्यम से निवेश करने से जोखिम की मात्रा कम हो जाती है। म्युचुअल फंड की हर स्कीम्स के लिए म्युचुअल फंड हाउस द्वारा एक फंड मैनेजर नियुक्त किया जाता है, जो की अत्यंत ही अनुभवी होता है। उसको स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी होती है होती है। निवेशको द्वारा विभिन्न स्कीम्स में निवेश की गई पूंजी को वह विभिन्न जगह जैसे स्टॉक, कमोडिटी, रियलिटी, गोल्ड आदि में निवेश करता है। निवेश करने से पूर्व लिए जाने वाले स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस, फंडामेंटल एनालिसिस भी करता है तथा कंपनी की बैलेंस शीट का भी अध्ययन करता है। उसके उपरांत ही वह उसे स्टॉक में पूंजी निवेश करता है। फंड मैनेजर पूर्ण प्रयास करता है की उसके फंड हाउस के निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सके।