Share Market Funda: वही हुआ जिसका डर था, शेयर बाजार मुहँ के बल गिरा |

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आज सभी अनुमान को धत्ता बताते हुए आखिर वही हो गया जिसके लिये शेयर बाजार जाना जाता है, शेयर बाजार के तमाम विश्लेशको की भविष्यवाणी को धत्ता बताते हुए आज फ़िर से यह साबित कर दिया कि इस बाजार के बारे में कोई भी सटीक भविष्यवाणी करना किसी के लिए भी सम्भव नहीं है! 

आज पूरे दिन शेयर बाजार में भारी ऊठा पटक देखी गयी! कई शेयरॊ की पूरा दिन जबरदस्त पिटाई हुई,  भारी पिटाई से जख्मी उन शेयरॊ का क्रूर क्रंदन पूरे दिन शेयर मार्केट में सुनाई देता रहा!  

शेयर मार्केट में आज उतार चडाव की उम्मीद तो सभी को थी, पर इतना जबरदस्त उतार चडाव देखने को मिलेगा, यह सबकी उम्मीद से बाहर की बात थी! तमाम लोग बस दांतॊ में उंगली दबाये अपने लैपटॉप व मोबाइल की स्क्रीन देख रहे थे! 

आज की शेयर बाजार में हुई बिकवाली की समीक्षा करने पर कुछ कारण समझ में आते हैं! हमारे अपने विचार में इसके कारण राष्ट्रीय न होकर अंत्रराष्ट्रीय हैं |

यूरोप के कई राष्ट्रॊ में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ गई है  ,इन मुल्को को पूर्व में भी कोरोना वायरस के कारण फ़ैली महामारी से भारी नुक्सान पहुंचा है| हजारों लोगों की पूर्व में जान जा चुकी है ,लाखों लोग इस महामारी से प्रभावित हुए हैं | पूर्व में कई देशों ने कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए व अपने नागरिकॊ की जान बचाने के लिए लाकडाऊन का सहारा लिया था |जिसके कारण क ई देशों में आर्थिक गतिविधियों पर विराम सा लग गया था और उन्हें भारी आर्थिक नुक्सान हुआ था | कोरोना वायरस से फ़ैली महामारी से बचाव के लिए  वैक्सीन तैयार करने के लिए दुनिया के क ई देश प्रयास रत है, मगर अभी तक रुस की आंशिक सफ़लता के अतिरिक्त किसी भी देश को इसमें सफ़लता नहीं मिली है |क ई देशों द्वारा कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की कोशिश जोर शोर से की जा रही है मगर यह वैक्सीन कब तक दुनिया में इस्तेमाल के लिए आ जायेगी ,इसके बारे में कोई भी निश्चित होकर नहीं बता सकता | यह   देश अभी पहले हुए  आर्थिक संकट से  सँभल भी नहीं पाये थे कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने इन देशों के शेयर बाजार में घबराहट पैदा कर दी व वहां बाजारो में बिकवाली हावी हो गयी | वहां का असर हमारे देश के शेयर बाजार में भी दिखाई दिया! 

शेयर मार्केट में भारी गिरावट की दूसरी वजह अमेरिका के शेयर बाजार में भारी ऊठा पटक व गिरावट आना रहा! पहले यह उम्मीद लगायी जा रही थी कि अमेरिका सरकार द्वारा शीघ्र ही एक आर्थिक सुधार पैकेज घोषित किया जायेगा  ,मगर अमेरिका में शीघ्र ही होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के कारण वहां की सरकार द्वारा आर्थिक सुधार पैकेज देने की संभावना  धुन्धली हो गयी है, और अब यह माना जा रहा है कि वहाँ पर नयी सरकार आने के बाद ही यह तय होगा कि आर्थिक राहत पैकेज देना है या नहीं | शेयर मार्केट में गिरावट की एक वजह अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की अनिश्चिता भी है| 


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आज भारत में बाम्बे स्टाक एक्चेन्ज में सैन्सेक्स 1066.3अंकॊ की गिरावट के साथ 39728.41अंकॊ पर बन्द हुआ, वही निफ़्टी 290.70 अंको की गिरावट के साथ 11680,35 पर, निफ़्टी मिड कैप 286.65की गिरावट के साथ 16599.60पर  व बैंक निफ़्टी 802.25 अंको की गिरावट के साथ 23072.40अंको पर बंद हुआ! 


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अब आम निवेशक के मन में यह है कि  आगे क्या होगा?? 
हमारी अपनी व्यक्तिगत एवं स्वतंत्र राय के अनुसार 
जैसे लम्बी कूद के लिए धावक को कुछ कदम पीछे हटना पड़ता है, वैसे ही भारतीय शेयर बाजार भी आज लम्बी कूद लेने के लिए थोडा पीछे हटे हैंऔर सम्भावना है कि कुछ और  पीछे जायेंगे! लेकिन उसके बाद पूरी ताकत से सरपट भागकर एक लम्बी कूद लगायेंगे !

भारत में कोरोना वायरस के मामले में कमी दर्ज की जा रही है, लाक डाऊन लगभग समाप्ति की और है  , आर्थिक गतिविधियां बड़ रही हैं ,देश के निर्यात में भारी तेजी दिखाई दे रही है, देश के आयात में कमी आई है ,देश का विदेशी मुद्रा भन्डार रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुका है | कुल मिलाकर देश का भविष्य उज्जवल है |

पूरी उम्मीद व आशा है कि देश का शेयर बाजार जल्द ही नयी बुलन्दियो को छुऐगा |

नोट : लेखक द्वारा  लिखने में व आंकड़े देने में पर्याप्त सावधानी बरती गयी है | फ़िर भी अगर टाईपिन्ग त्रुटि या आंकड़े संकलन में अन्जाने में कोई गलती हो गयी हो तो उसके लिए लेखक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी |यह लेखक की अपनी व्यक्तिगत राय व स्वतंत्र   सोच है  |कोई भी निवेश अपने फ़ाईनैन्सियल एडवाईजर से सलाह लेने के बाद ही करे | 

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