आज की इस पोस्ट में हम बतायेंगे की म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करे ?
सेंसेक्स मार्केट शेयर बाजार में आने वाले कई निवेशक जिनमे से आमतौर पर नये निवेशक ज्यादा होते हैं उन्हें मालूम नहीं होता की शेयर मार्केट का फंडा क्या है?
शेयर बाजार के नए निवेशकों को अक्सर मालूम नहीं होता की शेयर बाजार में निवेश कैसे करें तथा लिए गए शेयरों से लाभ कैसे कमाए। अक्सर नए निवेशक यह कहते सुने जाते हैं की उन्हें स्टॉक मार्किट में नुक्सान उठाना पड़ा, ऐसा अक्सर नये निवेशको के साथ होता है । इसका मुख्य कारण नये निवेशको के जोश के कारण होता है। हमारे बुजुर्गों ने भी कहा है की इंसान को कभी भी जोश में होश नही खोना चाहिये मगर अक्सर नये निवेशक share market के glamer में फंस कर जल्दीबाजी में निवेश कर बैठते हैं और यही जल्दीबाजी ही निवेशकों के लिये नुक्सानदायक साबित होती है । शेयर बाजार की भविष्यवाणी करना बड़ेेे से बड़े एक्सपर्ट केेे लिए भी संभव नहीं है। स्टॉक मार्केट के नए निवेशकों के लिए अपनी पूंजी का सबसे अच्छा निवेश करने का विकल्प म्यूचल फंड होता है । शेयर मार्किट के नये निवेशकों के लिये mutual fund sahi hai . आज हम Mutual fund के बारे में कुछ जानकारियाँ सांझा करेंगे।
अक्सर एक आम निवेशक को शेयर मार्केट तथा म्युचुअल फंड के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। वह जानकारी के अभाव में ना तो Share Market और ना ही Mutual fund में अपने पूंजी को निवेश कर पाता है ।
शेयर मार्केट में जहां निवेशक खुद डिमैट अकाउंट खोलकर डायरेक्ट या अपने ब्रोकर के माध्यम से विभिन्न कंपनियों के स्टॉक्स में खरीद-फरोख्त करता है ,वही म्यूच्यूअल फंड में यह काम म्यूच्यूअल फंड हाउस का फंड मैनेजर करता है ।
एक आम निवेशक विभिन्न म्यूचुअल फंड हाउस की किसी स्कीम में अपनी पूंजी निवेश करता है और म्यूच्यूअल फंड हाउस द्वारा नियुक्त उस स्कीम का फंड मैनेजर निवेशकों की पूंजी को स्टॉक मार्केट में डेट, बॉन्ड, कमोडिटी , इक्विटी आदि में निवेश करता है ,और पूरा प्रयास करता है कि वह अपने निवेशको को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमा कर दे। निवेशकों के द्वारा म्यूच्यूअल फंड में किए गए निवेश के बदले में mutual fund house निवेशकों से कुछ चार्ज भी वसूलते हैं।
Demate account | डिमैट अकाउंट
निवेशक को यह पता नहीं होता की म्यूच्यूअल फंड में पैसा इन्वेस्ट करने के लिए डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है या नहीं ।हम अपने ब्लॉग how to invest in share market के माध्यम से बताना चाहेंगे की डिमैट अकाउंट की जरूरत स्टॉक मार्केट में पढ़ती है ,मगर म्यूच्यूअल फंड हाउस की किसी भी स्कीम में पूंजी निवेश करने के लिए डिमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती।
how to invest in mutual fund | म्यूच्यूअल फंड में निवेश कैसेे करें
हैंडसम शेयर बाजार नए निवेशक म्यूच्यूअल फंड की किसी भी स्कीम को डायरेक्ट म्यूच्यूअल फंड हाउस से भी खरीद सकते हैं । उनके द्वारा नियुक्त किसी ब्रोकर से भी वह इसकी खरीद कर सकते हैं ।इसके अतिरिक्त वह इंटरनेट के माध्यम से भी म्यूच्यूअल फंड खरीद सकते हैं। आजकल मोबाइल में भी कई ऐप जैसे जीरोधा ऐप, कुवेरा ऐप , ग्रो ऐप आदि बहुत से ऐप है जिनके माध्यम से निवेशक डायरेक्ट भी म्यूच्यूअल फंड खरीद व बेच सकता है। इसके अतिरिक्त कई बैंकों के माध्यम से भी वह म्यूच्यूअल फंड की खरीदारी कर सकता है। जैसे -स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ,पंजाब नेशनल बैंक ,एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा ,आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक ,केनरा बैंक ,पंजाब एंड सिंध बैंक आदि।
Systematic investment plan or lum sum
अब एक महत्वपूर्ण चरण निवेशक के सामने आता है की वह systematic investment plan (sip ) के द्वारा अपना पैसा म्यूच्यूअल फंड की स्कीम में निवेश करें या Lump sum तरीके सेअपनी पूंजी निवेश करें। बहुत से निवेशक एसआईपी को एक प्रोडक्ट समझ लेते हैं, जबकि वास्तविकता यह है की एस आई पी कोई प्रोडक्ट नहीं अपितु एक टूल है । निवेशक एस आई पी को वीकली ,मासिक , अर्ध मासिक, तिमाही जैसे चाहो वैसे ले सकते हैं। एस आई पी निवेशक के बैंक अकाउंट से लिंक हो जाती है व निर्धारित तारीख को उसका पैसा कट जाता है तथा अगले दिन यूनिट अलॉटमेंट हो जाते हैं। इसी तरह Lum sum में Invester को इकट्ठा पैसा निवेश करना होता है ।अगर भविष्य में ज्यादा गुंजाइश है तो निवेशक फिर से उसी स्कीम में Lum sum कर सकते हैं ।सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान उनके लिए बहुत अच्छा होता है जिनकी मासिक सैलरी उनके अकाउंट में आती है ,जबकि लम सम में ज्यादातर बिजनेसमैन करना पसंद करते हैं।
Direct Plan Or Regular Plan
डायरेक्ट प्लान वह होता है जिसमें निवेशक डायरेक्ट म्यूचल फंड हाउस से खरीदारी करता है ।इसमें उसको कोई भी कमीशन नहीं देना पड़ता और रेगुलर प्लान वह होते हैं जिनमें निवेशक ब्रोकर के माध्यम से म्यूच्यूअल फड
की खरीदारी करते हैं। इसमें म्यूच्यूअल फंड हाउस ब्रोकर को कुछ कमीशन देते हैं ।डायरेक्ट प्लान हमेशा ही रेगुलर प्लान से अच्छे होते हैं और इसमें निवेशको को ज्यादा रिटर्न हासिल होते हैं ।समझदार और अनुभवी निवेशक डायरेक्ट प्लान को ही लेना पसंद करते हैं।
best mutual fund to invest
देश में वर्तमान में बहुत सारे म्यूचल फंड हाउस कारोबार कर रहे हैं। हम कुछ प्रमुख फंड हाउस के बारे में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं।
एस बी आई म्यूच्यूअल फंड ,एक्सिस म्युचुअल फंड ,केनरा रोबेको म्यूचल फंड ,बड़ौदा पायनियर म्यूच्यूअल फंड , एच डी एफ सी म्यूच्यूअल फंड , टाटा म्यूच्यूअल फंड , आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूच्यूअल फंड , क्वांट म्यूच्यूअल फंड , Nippon india mutual fund etc.
best mutual fund
SBI mutual fund भारत का सबसे बड़ा व् मुख्य mutual fund house है ।
फण्ड मैनेजर के कार्य
म्यूचल फंड हाउस में नियुक्त किसी भी फंड स्कीम के लिए नियुक्त फंड मैनेजर का मुख्य कार्य निवेशकों की पूंजी विभिन्न तरीकों से इक्विटी मार्केट, डेट ,बॉन्ड ,कमोडिटी मार्केट, इंटरनेशनल मार्केट आदि में निवेश करना होता है। फंड मैनेजर काफी एक्सपर्ट होता है। वह स्टॉक मार्केट की हर मूवमेंट पर नजर रखता है तथा अपने बिजनेस को Improve करने के लिए हर पॉसिबल स्टेप उठाता है। वह स्टाक के फेयर वैल्यू पर नजर रखता है। वह मार्केट के ग्लैमर से बचते हुए स्टॉक की intrinsic value को देखकर स्टॉक खरीदता है। वह स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस व टेक्निकल एनालिसिस करता है । Fund manager खरीदे जाने वाले शेयर्स की विभिन्न कंपनियों की बैलेंस शीट पर नजर रखता है ,वह कंपनियों के द्वारा देये जा रहे शेयर के ऊपर डिविडेंड ,बोनस शेयर, स्टॉक स्प्लिट आदि पर भी अपने नजरें बनाए रखता है । फंड मैनेजर सेंसेक्स तथा निफ्टी में विभिन्न कंपनियों के शेयर की खरीद फरोख्त, वॉल्यूम पर भी नजर बनाए रखता है। फंड मैनेजर कमोडिटी बुल मार्केट में कमोडिटी स्टॉक्स पर भी अपनी नजर बनाए रखता है व मार्केट कैपिटलाइजेशन को भी फंड मैनेजर ध्यान से देखता है। फंड मैनेजर रिसर्च कर अपने ओपिनियन देने वाले एक्सपर्ट की राय पर भी नजर बनाए रखता है, वह स्टॉक मार्केट में होने वाली रैली को देखते हुए जरूरत के हिसाब से मुनाफा बुक भी कर लेता है। वह शेयर मार्केट के बाटम तथा टॉप पर नजर बनाए रखता है । स्टॉक मार्केट के ऑपरेटर की गतिविधियों पर भी नजर रखता है ,वह फंड मैनेजर नीति निर्माता द्वारा की जा रही घोषणाओं तथा पढ़ने वाला स्टॉक मार्केट पर प्रभाव पर भी नजर बनाए रखता है। फंड मैनेजर निवेशकों की पूंजी को सुरक्षित बनाए रखने हेतु कुछ पैसा ब्लू चिप कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है । तथा कुछ पैनी स्टॉक्स भी खरीदता है। ओवराल Fund Manager का मुख्य कार्य अपने निवेशको के पैसे को निवेश करके उन पर अच्छा रिटर्न कमाने का होता है।
mutual fund news
अपने वेबसाइट Share Market Funda के माध्यम से हम बताना चाहेंगे की निवेशकों को अपनी चॉइस इंटरनेशनल फंड पर भी रखनी चाहिए । अपने पोर्टफोलियो में निवेशकों को विदेशी स्टॉक्स भी रखना चाहिए। इन विदेशी स्टॉक्स में निवेशक अपना निवेश म्यूच्यूअल फंड हाउस के माध्यम से भी कर सकते हैं ।भारतीय म्यूच्यूअल फंड कंपनियों के पास वर्तमान में लगभग 50 इंटरनेशनल फंड उपलब्ध है, जिनमें से कुछ डायवर्सिफाइड फंड भी हैं। इंटरनेशनल फंड की स्कीम में अपना पैसा इन्वेस्ट करने का एक फायदा इंटरनेशनल कंपनियों जैसे फेसबुक ,अल्फाबेट ,कोका कोला, पेप्सीको, अमेज़न ,एप्पल, नेटफ्लिक्स, टेस्ला , अलीबाबा,गूगल आदि कंपनियों में निवेश करने का मिल जाता है ,जिनसे काफी अच्छा रिटर्न हासिल होता है। इसके अतिरिक्त निवेशक इंटरनेशनल इक्विटी फंड ,यू एस बेस्ट फंड, s&p 500 व नैस्डेक 100 पर आधारित फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। s&p 500 तथा नैस्डेक 100 पर आधारित फंड ने पूर्व में अच्छे रिटर्न अपने निवेशकों को दिए हैं।
Mutual fund scheme से अपना पैसा कब निकालें
वैसे तो हर निवेशक को लॉन्ग टर्म नजरिए के साथ ही म्यूचल फंड हाउस की किसी भी स्कीम में अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए क्योंकि जिस निवेशक के पास लॉन्ग टर्म नजरिया होता है और रुकने का पेसेंस होता है, वही निवेशक ज्यादा पैसा कमा सकता है। फिर भी कई बार जरूरत पड़ने पर निवेशक अपनी पूंजी कभी भी म्यूचल फंड की इक्विटी बेस्ड स्कीम से निकाल सकता है। म्यूच्यूअल फंड की इक्विटी बेस्ट स्कीम में पैसा इन्वेस्ट करने के 1 साल के बाद निवेशक कभी भी पैसा निकालता है तो उस पैसे पर कुछ भी कटौती नहीं होती मगर यदि वह उक्त स्कीम से अपनी पूंजी 1 वर्ष से पूर्व निकालता है तो उस पर 1% की कटौती होती है। कुछ स्कीम ऐसी भी होती हैं जिनमें 3 साल से पूर्व पैसा नहीं निकलता।
और हर म्यूच्यूअल फंड हाउस द्वारा संचालित हर स्कीम की टर्म एंड कंडीशन अलग-अलग होती हैं। निवेशको को अपने खून पसीने से कमाई हुई पूंजी को किसी भी स्कीम में निवेश करने से पूर्व उस स्कीम का अध्ययन अच्छी तरह से कर लेना चाहिए तथा अपने फाइनेंशयल एडवाइजर से भी सलाह ले लेनी चाहिए ।तदुपरांत ही पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही अपने खून पसीने की कमाई को इन्वेस्ट करना चाहिये।
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