तथा लिये गये शेयरों से लाभ कैसे कमायें ?
कोई भी नहीं जानता कि अब share bazaar की दिशा किस तरफ होगी। शेयर बाजार की भविष्यवाणी करना नामुनकिन है ! कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है की सेंसेक्स जल्दी ही 55,000 अंको को छूता हुआ दिखाई देगा वही कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है की शेयर मार्केट में हमें जल्दी ही ट्रेडर बिकवाली तथा विदेशी संस्थागत निवेशको की बिकवाली तथा मुनाफावसूली दिखाई पढ़ सकती हैं, जिसके कारण सेंसेक्स हमें जल्दी ही 45000 अंको पर आता हुआ दिखाई देगा।हमारे अपने व्यक्तिगत एवं स्वतंत्र नजरिये से हम यह बात कह सकते हैं की भारतीय शेयर मार्किट में हमें जल्दी ही अब ट्रेडर बिकवाली और निवेशको की मुनाफावसूली दिखाई पड़ सकती है !
फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज बढानें की घोषणा का भारतीय स्टॉक मार्किट में प्रभाव |federal reserve dwara byaaj badhane ki ghoshna ka Bhartiya stock market main prabhav
एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अमेरिका के प्रमुख केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने वर्ष 2023 तक ब्याज दरों में 2 बार बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिसके कारण डॉलर में निवेश से विदेशी संस्थागत निवेशकों को अधिक रिटर्न मिलने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि विदेशी निवेशक शेयर मार्किट इंडिया से जोखिम वाले पोर्टफोलियो से अपना निवेश खींच कर america share market में निवेश कर सकते हैं। फाइनेंशियल एक्सपर्ट का ऐसा मानना है की अब यह सुनिश्चित है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर को बढ़ाएगा । ऐसी भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं की विदेशी निवेशक इंडियन शेयर मार्केट से अपने निवेश को निकाल कर जल्दी ही डालर इकट्ठा करना शुरू कर देंगे और वह अपने निवेश को अमेरिका के बॉन्ड खरीदने में निवेश कर सकते हैं।
अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा वर्ष 2023 तक ब्याज दरों में दो बार बढ़ोतरी करने की घोषणा से भारतीय रुपए पर भी इसका व्यापक असर पढ़ना शुरू हो गया है और डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में कुछ कमी दिखाई दी है। फेडरल रिजर्व के इस फैसले के बाद रुपए में डॉलर के मुकाबले लगभग 75 पैसे की गिरावट हो चुकी है और ऐसी भी आशंका है की भारतीय रुपए में अभी और भी गिरावट देखने को मिल सकती है। फेडरल रिजर्व की घोषणा से इंडियन शेयर मार्केट से हमें विदेशी संस्थागत निवेशकों की मुनाफावसूली तथा बिकवाली देखने को मिल सकती है, जिसके कारण हमें सेंसेक्स में तथा निफ्टी में कुछ करेक्शन देखने को मिल सकता है।
भारत में महंगाई में बढ़ोतरी हो सकती है
अमेरिका के प्रमुख बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से भारत में महंगाई पर इसका असर देखने को मिल सकता है। विगत कुछ समय से भारत में महंगाई दर बढ़ती हुई दिखाइ पढ़ रही है तथा थोक और खुदरा दोनों ही महंगाई दर अभी काफी चरम पर हैं। ऐसे समय में रुपए का अवमूल्यन होना काफी खतरनाक हो सकता है। रुपए के कमजोर पढ़ने से भारत का आयात महंगा हो सकता है। भारत काफी मात्रा में कच्चे तेल की तथा सोने की का आयात करता है, जिसमें भारी विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है। रुपए के कमजोर पढ़ने से भारत को आयात महंगा पड़ेगा और उसको अपने आयात के लिए ज्यादा विदेशी मुद्रा का भुगतान करना पड़ेगा, जिसका सीधा असर विदेशी मुद्रा भंडार पर भी देखने को मिलेगा।
टेक्नोलॉजी क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में आ सकता है उछाल
अमेरिका के प्रमुख बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि करने की घोषणा से भारतीय रुपए में 75 पैसे की गिरावट देखने को मिली और ऐसी भी आशंका है की यह गिरावट आगे और बढ़ सकती है। रुपए के अवमूल्यन से हमें भारतीय टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों जैसे टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल आदि प्रमुख कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। टेक्नोलॉजी क्षेत्र की ज्यादातर प्रमुख कंपनियों का कारोबार विदेशी मुल्कों में फैला हुआ है ।अमेरिका उनमें प्रमुख देश है। विदेशों से भारी मात्रा में भारतीय टेक्नोलॉजी क्षेत्र की कंपनियों को आय होती है । रुपए के अवमूल्यन से इन कंपनियों के राजस्व तथा मुनाफे में बढ़ोतरी होगी, जिसके कारण शेयर मार्केट में हमें टेक्नोलॉजी क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है।
इंटरनेशनल शेयर मार्केट
विदेशी शेयर बाजारों में भी हमें गिरावट देखने को मिल रही है शुक्रवार को शेयर मार्केट बंद होने के वक्त इंटरनेशनल शेयर मार्किट में NASDAQ, FTSC, CAC, DAX, NIKKAI 225, TAIWAN WEIGHTED, JAKRATA COMPOSITE, SHANGHAI COMPOSITE आदि में गिरावट देखी गई।
इंडियन शेयर मार्केट के निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत
शेयर मार्केट इंडिया के निवेशकों और ट्रेडर्स को वर्तमान में सावधान सहने की जरूरत है। सेंसेक्स तथा निफ्टी अपने सर्वोच्च स्तर के आसपास कारोबार कर रहे हैं । शुक्रवार को बाजार बंद होने के वक्त सेंसेक्स 21 पॉइंट 12 अंक बढ़कर 52344 पॉइंट 4 अंको पर बंद हुआ जबकि निफ़्टी फिफ्टी, निफ़्टी बैंक, निफ़्टी स्मॉल कैप आदि में गिरावट दर्ज की गई। वर्तमान में निवेशकों को ऑपरेटर्स की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और मौका मिलने पर मुनाफा बुक भी करते रहना चाहिए। निवेशकों को अपने निवेश में एसआईपी मॉडल अपनाना चाहिए तथा लॉन्ग टर्म नजरिए से ही वर्तमान स्तरों पर निवेश करना चाहिए। निवेशकों को शेयर मार्केट के हर मूवमेंट पर नजर रखनी चाहिए तथा अपनी खून पसीने से कमाई हुई पूंजी को बचाने के लिए सभी पॉसिबल स्टेप्स उठाने चाहिए। एक्सपेक्टेड है कि हमें भारतीय शेयर मार्केट में जल्दी ही ट्रेडर्स बिकवाली देखने को मिल सकती है। समझदार निवेशक को मार्केट के स्टेबल होने का इंतजार करना चाहिए। ओवराल समझदार निवेशक ही इस पूंजी बाजार से पूंजी कमा पाता है ।
Share Market In Hindi
भारतीय शेयर बाजार वर्तमान में अपने सर्वोच्च स्तर के आसपास कारोबार कर रहे हैं। देश में कोरोना महामारी पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है । करोना महामारी से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में काफी कमी आई है, जिसके कारण विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लगाया गया लाक डाउन भी धीरे धीरे समाप्ति की ओर है। देश में राज्य सरकारों द्वारा लगाई गई बंदिश में काफी ढील दी जा चुकी है। देश में मानसून भी समय से आ गया है, जिसके कारण इस बार बंपर फसल होने की उम्मीद है ।उम्मीद है कि देश की अर्थव्यवस्था 10% वार्षिक की दर से बढ़ेगी। देश की अर्थव्यवस्था में हमें वी सेव रिकवरी देखने को मिलेगी। ओवराल हम यह कह सकते हैं की भारतीय शेयर मार्केट में हमें लॉन्ग टर्म में बढ़ोतरी ही देखने को मिलेगी।
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