Share Market Funda: भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करने का समय | Share market timing in India

आज की पोस्ट में हम इन्डियन शेयर मार्केट में होने वाले कारोबार व सेंसेक्स शेयर बाजार में स्टॉक्स की खरीद फरोख्त के समय बावत विस्तार से बतायेंगे।

दुनिया के हर देश में स्टॉक मार्केट में कारोबार करने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित है। वह समय हर देश अपने देश की जनता की जरूरत तथा अपने तथा देश के नागरिकों के संसाधन को देखकर तय करता है।



 

भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करने का समय 


Indian stock exchange जोकि मुख्य तौर पर मुंबई स्टॉक एक्सचेंज तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है, उनमें मुख्य इक्विटी सेगमेंट से संबंधित सभी कार्य तथा लेनदेन मुख्य तौर पर हर सप्ताह शनिवार और इतवार को छोड़कर होते हैं। इसके अतिरिक्त अगर राजकीय छुट्टी की घोषणा हो जाती है तब भी इन एक्सचेंज में कारोबार को उस दिन नहीं किया जाता है। इसके अतिरिक्त केवल भारत के मुख्य त्यौहार दिवाली पर भी हालांकि राजकीय अवकाश होता है, उसके बावजूद दिवाली के दिन कुछ समय के लिए भारत के स्टॉक एक्सचेंज मुंबई स्टॉक एक्सचेंज तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कुछ समय के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग होती है। जिसका समय उपरोक्त स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा पूर्व में ही घोषित कर दिया जाता है।


Share market open time | भारतीय शेयर बाजार के खुलने का समय 

भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करने के लिए  निम्न समय निर्धारित है।


Pre opening session

प्री ओपनिंग सेशन का मुख्य उद्देश्य स्टॉक मार्केट की स्थिरता को बनाए रखना होता है, यह स्टॉक मार्केट के बैलेंस को बनाने में मदद करता है। इस सेशन के द्वारा शेयर मार्केट को उसकी शुरुआती कीमत का पता चल जाता है। प्री ओपनिंग सेशन में निवेशक केवल निफ़्टी फिफ्टी के शेयर खरीद और बेच सकते हैं। इस सत्र को ऑर्डर एंट्री सत्र के रूप में भी पुकारा जाता है। इस सत्र में निवेशक को stocks को खरीदने या बेचने की Bid लगाने की अनुमति होती है। वह लगाए गए ऑर्डर को संशोधित या निरस्त भी कर सकता है। इससे उनको भी आगे चलकर तीन भागों में बांटा गया है।


नॉर्मल सेशन

स्टॉक मार्केट में आमतौर पर कारोबार सुबह 9:15 बजे से 3:30 बजे तक लगातार चलता रहता है। कारोबार के दौरान कोई भी लंच टाइम आदि नहीं होता और यह निर्बाध रूप से कार्य करता रहता है, लेकिन किन्हीं विशेष परिस्थितियों में जैसा कि स्टॉक मार्केट में अचानक ही बहुत बड़ी गिरावट आ जाए, स्टॉक एक्सचेंज कारोबार को कुछ समय के लिए निलंबित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त  भी राष्ट्रहित को देखते हुए भारत सरकार भी ऐसा कोई आदेश दे सकती है।

3:30 बजे सेंसेक्स शेयर बाजार के कारोबार के बंद हो जानें के बाद 3:30 बजे से 3:40 तक शेयर के क्लोजिंग प्राइस की गणना की जाती है।



Post closing session

और सबसे आखिर में एक महत्वपूर्ण चरण पोस्ट क्लोजिंग सेशन का आता है और यह सेशन दोपहर को 3:40 से 4:00 बजे तक होता है। इस सेशन को आफ्टर मार्केट आर्डर के नाम से भी बुलाया जाता है। इस समय में स्टॉक मार्केट बंद होने के बाद भी निवेशक या ट्रेडर अपने शेयर को खरीद और बेच सकते हैं, लेकिन इस शेयर का प्राइस क्लोजिंग सेशन वाला प्राइस ही रहता है।

 उदाहरण:  मान लीजिए किसी निवेशक ने इस हैंडसम शेयर बाजार में  किसी कंपनी के 500 शेयर को खरीदने की जगह गलती से 5000 शेयर खरीद लिए हैं और उस निवेशक के पास डिलीवरी लेने के लिए पैसे नहीं है, तो वह निवेशक इस महत्वपूर्ण session में उन लिए गए shares को बेच सकते हैं। शेयर बेचने वाले को शेयर का भाव क्लोजिंग वाला ही मिलता है।

इतना सब होने के बावजूद भी आज हुई करोड़ों लोगों को सेंसेक्स मार्केट शेयर बाजार  के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। share bajar को दलालपथ तथा डिअर बाजार के नाम से भी बुलाया जाता है,  विश्व के अन्य संपन्न देशों के मुकाबले भारत में बहुत कम लोग ही Stock Market  में निवेश करते हैं। सेंसेक्स और निफ्टी शेयर बाजार  में जोखिम की मात्रा अधिक होती है। कम निवेशक/ Investors ही भारत में जोखिम/ Risk लेना पसंद करते हैं।

भारत में लाखों लोग आज भी बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट तथा सोने में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं। इसकी मुख्य वजह बैंकों की फिक्स डिपाजट तथा सोने में निवेश को सुरक्षित माना जाना है। वही आज परिस्थितियां धीरे धीरे काफी बदलती नजर आ रही है। पिछले 2 वर्षों में कोरोना महामारी के दौरान भारत में स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले तथा ट्रेडिंग करने वाले लोगों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है तथा लाखों की तादाद में भारत में विगत 2 सालों में ही  डिमैट अकाउंट | Demeat Account खोलें गए हैं। भारत का युवा मध्यम वर्गीय वर्ग आज अपनी सोच को बहुत ही एडवांस कर रहा है तथा वह दुनिया के अग्रणी देशों के साथ कदमताल करता हुआ स्वयं तथा राष्ट्र को भी आगे बढ़ा रहा है।

इतना सब होने के बावजूद भी आज हुई करोड़ों लोगों को स्टॉक मार्केट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। शेयर बाजार सेंसेक्स  को दलालपथ तथा डिअर बाजार के नाम से भी बुलाया जाता है,  विश्व के अन्य संपन्न देशों के मुकाबले भारत में बहुत कम लोग ही Stock Market  में निवेश करते हैं। स्टॉक मार्केट में जोखिम की मात्रा अधिक होती है। कम निवेशक/ Investors ही भारत में जोखिम/ Risk लेना पसंद करते हैं।

 आज हम अपनी वेबसाइट शेयर मार्केट फंडा Share Market Funda  के माध्यम से भारतीय शेयर बाजार के बाबत कुछ मुख्य जानकारियां उपलब्ध करा रहे हैं। जो नए निवेशकों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो सकती है।




भारत में कार्यरत मुख्य स्टॉक एक्सचेंज 

भारत में भी स्टॉक मार्केट में कार्य करने हेतु मुख्य तौर पर दो स्टॉक मार्केट एक्सचेंज कार्य करते हैं। जिसमें पहला है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज  (बी एस सी) (Bombay stock exchange), यह स्टॉक एक्सचेंज भारत की आर्थिक राजधानी कहीं जाने वाली  मुंबई में है।

 दूसरा मुख्य स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन एस सी) (National stock exchange), भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है।

इन दोनों एक्सचेंज के माध्यम से ही भारत में मुख्य तौर पर stock market का काम होता है। इन दोनों ही जगह पर हजारों कर्मचारी कार्यरत है। इसके अलावा हजारों स्टॉक ब्रोकर तथा सब ब्रोकर भी कार्य करते हैं। देश तथा विदेश के करोड़ों लोगों ने स्टॉक मार्केट में अपना निवेश किया हुआ है। बड़ी मात्रा में लाखों लोग  कार्य करते हैं तथा अपना निवेश करते हैं। अपनी पूंजी को निवेशक विभिन्न स्टॉक्स में निवेश करते हैं।

 जैसे: इक्विटी, रियलिटी, गोल्ड, कमोडिटी, म्यूच्यूअल फंड आदि।


शेयर बाजार की भविष्यवाणी 2022  

Share bajar का बड़े से बड़ा दिग्गज भी शेयर बाजार की भविष्यवाणी नहीं कर सकता। शेयर बाजार निहायत ही अनिश्चितता का बाजार है। इस डियर बाजार के बारे में केवल अनुमान ही लगााए जा सकते हैं। शेयर मार्केट में अपनी पूंजी निवेश करने सेे पहले हर निवेशक को यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट का फंडा क्या है ?


जिस भी निवेशक को Share market funda, stock market funda, fund ka funda , share market ka Funda का ज्ञान हो जाता है, वही निवेशक शेयर मार्केट से पैसे कमाने में कामयाब हो पाता है। हर निवेशक को शेयर मार्केट की ताजा खबरें अवश्य सुननी चाहिए तथा मार्केट एक्सपर्ट की राय भी अवश्य सुननी चाहिए तथा लिए जाने वाले स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस तथा टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद ही निवेश करना चाहिए। निवेशक को लिए जाने वाले स्टोक्स की इंट्रिसिक वैल्यू का भी पता होना चाहिए तथा शेयर मार्केट का बादशाह स्टॉक्स को ही लेने में प्राथमिकता देनी चाहिए। Strong Share ही निवेशक के सपने को पूरा कर सकता है।

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