भारतीय अर्थव्यवस्था की हो गई बल्ले बल्ले। कृषि क्षेत्र तथा सेवा क्षेत्र में शानदार तथा जानदार वृद्धि
अर्थव्यवस्था | Indian economy की तीव्र वृद्धि दर होने की मुख्य वजह कई क्षेत्रों में सुधार होना बताया जा रहा है। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था को अत्यंत तेज रफ्तार देने में सेवा क्षेत्र | service sector, कृषि क्षेत्र | agriculture sector की अति महत्वपूर्ण भूमिका रही है। agriculture Industries में लाखों की संख्या agriculture jobes भी उत्पन्न होती है। भारत में urban agriculture को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। में agriculture news द्वारा पताा चलता है कि पूर्व में भारत में agriculture with animals बहुतायत से होता था लेकिन अब स्थिति बदल गई है। शेयर बाजार में agriculture stocks में तेजी देखी जा रही है।
dept of agriculture द्वारा orgenic agriculture को बढ़ावा देने के सुखद परिणाम दिखाई देने शुरू हो गए हैं। agriculture business में भी अच्छी बढ़त दिखाई दे रही है। agriculture industry का भविष्य उज्जवल है।
Economy and agriculture Industries में आए तेज उछाल के कारण दुनिया की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था | Indian economy सबसे तेज गति से बड़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है और इसकी आर्थिक वृद्धि | GDP संपूर्ण विश्व में सबसे तेज बनी हुई है, जोकि भारत के लिए अत्यंत ही गौरव का विषय है। भारत में commercial agriculture में भी अच्छा उछाल देखा जा रहा है।
भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय | department of agriculture के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार वर्तमान वर्ष की प्रथम तिमाही अप्रैल-जून तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.30% रही, जबकि इससे पूर्व के वित्तीय वर्ष में पहली तिमाही में यह 2.2 फीसदी रही थी।
वहीं पर सेवा क्षेत्र | service sector की वृद्धि दर में भी 17.6% की शानदार व जानदार वृद्धि देखने को मिली। जोकी इससे पिछले वित्तीय वर्ष | financial year की समान तिमाही में यह 10.50 पर्सेंट रही थी।
इन दोनों मुख्य क्षेत्रों के अलावा वित्तीय क्षेत्र | financial sector, रियल स्टेट | real state sector और पेशेवर सेवाओं | service sector की विकास दर भी 2.3 परसेंट से बढ़कर 9.२ फ़ीसदी पहुंच गई। मिल रहे आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही | first quarter of financial year 2022 में इलेक्ट्रिसिटी की मांग | demand of electricity ऊपर थी। गैस तथा अन्य यूनिट यूटिलिटी सेवाओं की वृद्धि दर भी 14 पॉइंट 7 परसेंट परसेंट रही जोकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में 13.8% रही।
रक्षा क्षेत्र | defence sector लोक प्रशासन | public service sector तथा अन्य सेवाओं के की वृद्धि दर भी 6.2% परसेंट से बढ़कर 26.3% पर पहुंच गई। जोकि काफी अच्छी मानी जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2022 - 23 में भारत की विकास दर का अनुमान | financial year 2022- 23 main Bharat ki Vikas der ka anuman
वर्तमान वित्तीय वर्ष | current financial year में भारत की विकास दर पूरे विश्व में सबसे तेज रहने की उम्मीद है। वर्तमान वित्त वर्ष में उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था | Indian economy 7% से अधिक की वृद्धि दर हासिल करने में कामयाब रहेगी। जबकि कई विशेषज्ञ इसके 9.5% तक रहने की उम्मीद जता रहे हैं।
वही भारत के वित्त सचिव | Indian financial secretary श्री टीवी सोमनाथ अम ने अपने एक बयान में बताया है की भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान वित्तीय वर्ष | current financial year में 7% की वृद्धि दर हासिल करने की तरफ सफलतापूर्वक बढ़ रही है। वित्त सचिव ने आयात | import बढ़ने से राजकोषीय स्थिति पर विपरीत प्रभाव पढ़ने की चिंताओं से बेफिक्र होते हुए बताया की भारत सरकार चालू वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के सिक्स पॉइंट चार पर्सेंट पर बनाए रखने के लिए संपूर्ण उपाय कर रही है, जिसके की भविष्य में अच्छे नतीजे आने की संभावना है।
भारतीय अर्थव्यवस्था तीव्र गति से सरपट दौड़ेगी | India economy will run with full speed
भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022- 23 मई सरपट दौड़ेगी तथा भारत विश्व की इकोनामी में ग्रोथ का इंजन | growth engine of economy बना रहेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में भारत में मांग में सुधार हुआ है और बेहतर अनुपालन के अतिरिक्त ऊंची दरों की वजह से अगस्त में सरकार को जीएसटी के जरिए 1,40,000 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है। वित्त मंत्रालय ने जीएसटी के आंकड़े जारी करके बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अत्यंत तेज गति से बढ़ रही है तथा ऐसी पूर्ण संभावना है की भविष्य में भी आगे इसमें तेज वृद्धि बनी रहेगी। मिल रहे आंकड़ों के अनुसार भारत में इतिहास में यह सातवीं बार है जब जीएसटी का संग्रह | collection of GST 1,40,000 करोड़ से अधिक रहा है। आगामी त्योहारी सीजन | festival session को देखते हुए आगामी तिमाही में भी जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन होने की उम्मीद है तथा जीएसटी में बढ़ोतरी बरकरार रहेगी।
उधर यूपीआई | UPI से भी जमकर लेन-देन हो रहा है। भारत दुनिया में डिजिटल माध्यम से लेन-देन | digital transaction करने वाला सबसे बड़ा राष्ट्र बन गया है तथा अगस्त में ही यूपीआई से 10 लाख 73 हजार करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ। आंकड़ों के अनुसार अगस्त में मात्रा के हिसाब से UPI के जरिए 6.57 अरब लेन-देन हुए।
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