भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफ टी ए) से share market India में खुशी की लहर
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच में एक नए युग का सूत्रपात हो चुका है। इस ऐतिहासिक समझौते से दोनों ही देशों के व्यापार में जबरदस्त बढ़ोतरी होने की पूर्ण संभावना है। इस समझौते के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया भारत में बने उसके सभी तरह के उत्पाद बिना किसी कोटा तथा प्रतिबंध के अपने मुल्क में भेजने की इजाजत देगा। यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि भारत पूरे विश्व में ऐसा पहला देश है जिसके लिए ऑस्ट्रेलिया ने यह सुविधा प्रदान की है।सेंसेक्स और निफ्टी शेयर बाजार में भी इसका अच्छा असर दिखाई देगा !
यही नहीं खबर तो यह भी आ रही है कि जल्दी ही ब्रिटेन तथा कनाडा के साथ में मुक्त व्यापार समझौता हो सकता है। ब्रिटेन व कनाडा के साथ मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत अपने अंतिम चरण में है। वहीं पर ब्रिटेन से इस बाबत वार्ता अगले महीने होगी। इसके अतिरिक्त पूरे यूरोपीय संघ से भी मुक्त व्यापार संबंधी वार्ता भारत द्वारा लंबे समय से की जा रही है।
गौरतलब है कि भारत ने पहले ही मारीशस और संयुक्त अरब अमीरात से मुक्त व्यापार संबंधी समझौता कर रखा है। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ऐसा तीसरा देश बन गया है, जिससे भारत ने यह समझौता किया है। अभी ऑस्ट्रेलिया की सरकार अपने कार्यकारी परिषद से इस समझौते बाबत मंजूरी लेगी तथा भारत देश में भी केंद्रीय मंत्रिमंडल इस समझौते को मंजूरी देगा, तभी यह समझौता अमल में आएगा। वहीं पर वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने अपने बयान में कहा है कि यह समझौता भारत के लिए न्याय संगत है। इस बात की पूरी संभावना है की यह समझौता वर्ष 2023 के जनवरी माह से अमल में आ जाएगा।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते से पड़ने वाले प्रभाव
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते से दोनों ही देशों को इसका लाभ होगा। इस समझौते से भारतीय आईटी कंपनियों को भी काफी फायदा मिलने की उम्मीद है।शेयर बाजार सेंसेक्स पर भी इसका पॉजिटिव असर दिखाई देगा , ऑस्ट्रेलिया में अपने विशेषज्ञों से तकनीकी सहायता देने वाली भारतीय आईटी कंपनियों को वहां से होने वाली इनकम पर कोई भी कर नहीं देना पड़ेगा, इसके कारण भारत की 100 सबसे बड़ी आईटी कंपनियों को हर वर्ष लगभग 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की बचत होगी। इसके अतिरिक्त समझौते से भारत में शराब के लिए अंगूर पैदा करने वाले हजारों किसानों को भी लाभ होगा। इस से प्रोत्साहित होकर देश के अन्य किसान भी अंगूर की खेती की तरफ बढ़ेंगे, जिसके कारण अंगूर की पैदावार बढ़ेगी तथा निर्यात से बेशकीमती विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी। वहीं पर ऑस्ट्रेलिया भी भारत को कॉपर, मैग्नीज, एलमुनियम, कोयला तथा ऊन जैसे कच्चे माल भी बिना किसी कर के निर्यात कर पाएगा, जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया को भी भारत जैसा एक विशाल मार्केट मिलने का बहुत फायदा होगा। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है की भारत से ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की जाने वाली लगभग 98% वस्तुओं पर निर्यातकों को कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच में हुए मुक्त व्यापार समझौते से इंडियन शेयर मार्केट के ट्रेडर्स और निवेशक काफी खुश है तथा ऐसी संभावना दिखाई पढ़ रही है की भारत से बड़ी मात्रा में कंपनियों को इस समझौते से फायदा होगा, जिसके कारण कई कंपनियों के राजस्व और मुनाफा बढ़ेगा। वहीं सेंसेक्स मार्केट शेयर बाजार पर लिस्टेड आईटी कम्पनियों को भी इस समझौते से अच्छा खासा फायदा मिलेगा और आईटी कंपनियों के स्टॉक्स में भी बढ़ोतरी होने के अच्छे आसार हैं। कुल मिलाकर बात यह है की भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही देशों और उनके देशवासियों की हो गई बल्ले बल्ले।
रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार भारत जी - 20 में वित्तीय वर्ष 2023- 24 में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा।
एक महत्वपूर्ण बयान में अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मोदी ने कहा की भारत ग्रुप-24 देशों में वित्तीय वर्ष 2023 - 24 में सबसे तेजी से बढ़ने वाले अर्थव्यवस्था होगा। हालांकि देश में तथा विश्व में बढ़ रही ऊंची महंगाई के कारण विकास दर पर जोखिम बना रहेगा। महंगाई के कारण लोगों और कारोबारियों की क्रय करने की क्षमता कम हो गई है। इस एजेंसी ने इससे पहले भारत के विकास दर के अनुमान को 7.7% से कम करके 7% कर दिया था, तथा यहां तक कह दिया था की वर्ष 2023 में भारत की वृद्धि दर और घटकर 4.8% तक रह सकती है। अगले वर्ष 2024 में बढ़कर 6.4% तक हो सकती है।
भारत ने ट्रेडमार्क फाइलिंग तथा पेटेंट करवाने में मारी ऊंची छलांग
भारत सरकार के दमदार प्रयासों और सहायता से भारत ट्रेडमार्क और पेटेंट फाइलिंग करवाने में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत का जलवा यहां तक दिखाई देता है की ट्रेडमार्क फाइलिंग में भारत विश्व में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं पर पेटेंट फाइलिंग में भी जबरदस्त काम करते हुए विश्व में सातवें स्थान पर पहुंच गया है। याद रहे कि दुनिया में पेटेंट का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ रहा है, भारत भी अपने देश में पेटेंट करवाने के लिए बढ़ावा दे रहा है। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग की विशेष सचिव सुमिता डाबरा ने आठवें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स में बोलते हुए कहा की भारत बौद्धिक संपदा अधिकार के अनुपालन करने के लिए बौद्धिक संपदा कार्यालय के आधुनिकीकरण पर जोर देगा ।भारत में विश्व के व्यापार में खुद को स्थापित करने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं। किए गए सुधारों की बदौलत भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत की जीडीपी के लिहाज से इसका आकार 3.2 लाख करोड़ डॉलर से भी ज्यादा हो चुका है। विश्व में फैली कोरोना महामारी से उभरते हुए भारत में रिटर्न फाइलिंग में 5.5% की मजबूत वृद्धि हासिल की, जोकि प्रशंसनीय है।
क्वाड के बाद एफटीए मजबूत होते रिश्तों की बानगी
भारत और आस्ट्रेलिया पहले से ही क्वाड के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। अब दोनों देशों के बीच हुए मुक्त व्यापार समझोते से दोनों देश मजबूत कारोबारी रिश्तों से भी बंध जायेंगे। इस समझोते से व्यापार दोतरफा बड़ेगा तथा आस्ट्रेलिया में भारतीयों के लिए अवसर भी बड़ेंगे और देश में रोजगार के अवसर भी बड़ने की सम्भावना है। आस्ट्रेलिया में जाने के इच्छुक भारतीय छात्रों को वीजा मिलने में आसानी होगी। भारत और आस्ट्रेलिया का द्विपक्षीय व्यापार अगले पांच वर्षो में पचास अरब डालर तक पहुँच जाने की उम्मीद है।
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