भारत में Matual fund की संपत्तियां (एयूएम) अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची
भारत में म्यूचल फंड उद्योग अपने सुनहरे दौर में पहुंच गया है। निवेशकों के द्वारा म्यूचुअल फंड में जबरदस्त विश्वास और भरोसा देखा जा रहा है और निवेशकों द्वारा म्यूचल फंड में निवेश की गति अति तीव्र दिखाई पढ़ रही है। निवेशकों द्वारा म्यूच्यूअल फंड की विभिन्न स्कीम्स में निवेश में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, जिसके कारण भारत में म्यूच्यूअल फंड उद्योग का प्रबंधन के तहत कुल संपत्तिया अक्टूबर माह में अपने रिकॉर्ड स्तर 39.5 लाख करोड़ पर पहुंच गई है जो इससे पूर्व के माह सितंबर में यह संपत्तियां 38.4 लाख करोड़ पर थी। Matual fund की इन संपत्तियों में इक्विटी की एयूएम सर्वाधिक 15.2 लाख करोड़ रु थी !
भारतीय बीमा विनायक एवं विकास प्राधिकरण ने कई सुधारों को दी मंजूरी
भारतीय बीमा एवं विकास प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विगत दिनों कई महत्वपूर्ण सुधारों को अपनी मंजूरी दे दी है, इन सुधारों से नई कंपनियों के लिए प्रवेश नियमों को पहले से आसान बनाया गया है, इसके साथ ही सॉल्वेंसी मार्जिन को भी पहले से कम कर दिया गया है, इससे बीमा कंपनियां ₹3500 करोड़ का अतिरिक्त उपयोग कर सकेंगी । इन सुधारों को दी गई मंजूरी का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2047 तक सभी भारतीयों को बीमा के लिए सक्षम बनाना है।
भारतीय बीमा विनायक एवं विकास प्राधिकरण ने भारत की सब्सिडियरी कंपनियों को भी बीमा कंपनी का प्रवर्तक बनने बाबत अपने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस मंजूरी के तहत ऐसी एक कंपनी जो चुकता पूंजी का 25% पर्सेंट तक और सामूहिक रूप से सभी निवेशकों के लिए 50 पर्सेंट तक का निवेश करती है, उसे बीमा कंपनियों में निवेशक का दर्जा दिया जाएगा। इससे अधिक का निवेश करने वाले को केवल प्रवर्तक माना जाएगा, इससे पूर्व यह सीमा व्यक्तिगत निवेशकों के लिए 10 परसेंट और सामूहिक रूप से सभी निवेशकों के लिए 25 परसेंट थी। नियामक ने कहा की प्रमोटरों को अपने हिस्सेदारी को 26 परसेंट तक कम करने की अनुमति देने के लिए यह नया प्रावधान प्रस्तुत किया गया है। लेकिन इसके लिए शर्त यह है कि उपरोक्त कंपनी के पास पिछले 5 वर्षों के लिए संतोषजनक सॉल्वेंसी रिकॉर्ड हो तथा वह सूचीबद्ध भी हो। नियामक ने कहा की इंडियन इंश्योरेंस कंपनियों के पंजीकरण से संबंधित नियमों में उपरोक्त संशोधन का मुख्य उद्देश्य व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना है।
NFO भी लुभा रहे हैं भारतीय निवेशकों को
कई कंपनियां अपने कारोबार को बढ़ावा देने के लिए तथा अपने कर्ज को चुकता करने के लिए NFO | एन एफ ओ (न्यू फंड ऑफर) को जारी करते हैं। एनएफओ के तहत कंपनियां खुले बाजार से पूंजी का प्रावधान करती हैं और बदले में निवेशकों को यूनिट अलॉट करती हैं, जिस पर निवेशकों को आकर्षक रिटर्न हासिल होता है। समय-समय पर यह कंपनियां यूनिट्स पर डिविडेंड का एलान भी करती है। निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड रहना चाहिए तथा अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स के अलावा मल्टीनेशनल कंपनी के स्टॉक्स में भी निवेश करना चाहिए, इसके अतिरिक्त निवेशक छोटी कंपनियों में निवेश करने के लिए इन NFO के माध्यम से भी निवेश करते हैं। भारत में भी कई कंपनियों के वर्तमान में NFO | एनएफओ खुले हुए हैं।
Reserve Bank of India के गवर्नर के अनुसार भारत में मंदी का कोई खतरा नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक के सम्मानित व प्रतिष्ठित गवर्नर श्री शक्तिकांत दास जी ने डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी रिसर्च के वार्षिक सम्मेलन में कहां की, दुनिया भर के कई महत्वपूर्ण देशों के केंद्रीय बैंकों ने महंगाई को थामने के लिए अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। ब्याज दरें बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों में कमी होने के कारण तथा ऋण देने के लिए राशि की उपलब्धता कम होने के कारण मंदी के खतरे को काफी ज्यादा बढ़ा दिया है। दुनिया में मंदी की संभावना से भारत की स्थिति अत्यंत ही अलग है तथा भारत में मंहगाई पर काबू पाया हुआ है तथा भारत में दूर-दूर तक मंदी की कोई भी संभावना नहीं है।
भारत सरकार के आर्थिक सुधारों से भी हालात काफी हद तक अच्छे दिखाई पड़ रहे हैं। वहीं पर भारत के नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष श्री राजीव कुमार ने कहा कि विश्व में आने वाली संभावित मंदी से भारत अछूता ही रहेगा तथा वित्तीय वर्ष 2023 24 में घरेलू जीडीपी 6 से 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी।
best mutual fund to invest in 2022
वैसे तो भारत में बहुत से म्यूचल फंड हाउस कार्यरत है उनमें से कुछ म्युचुअल फंड हाउस अपने निवेशकों को विभिन्न स्कीम्स में अच्छा रिटर्न दे रहे हैं भारत में कुछ अच्छे म्यूच्यूअल फंड हाउस का नाम हम बता रहे हैं, हमारे बताए गए इन म्यूच्यूअल फंड हाउस के अलावा भी ऐसे बहुत से म्यूच्यूअल फंड हाउस है जो अच्छा रिटर्न अपने निवेशकों को दे रहे हैं।
SBI Mutual Fund
Axis Mutual Fund
HDFC mutual fund
Nippon India Mutual Fund
ICICI prudential Mutual Fund
TATA Mutual Fund
Aditya Birla Mutual Fund
Kotak Mutual Fund
quant Mutual Fund
DSP Mutual Fund
Canara Robeco Mutual Fund
Sundaram Mutual Fund
IDFC Mutual Fund
ICICI Mutual Fund
Motilal Oswal Mutual Fund
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zerodha Mutual Fund
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