एसोसियेशन आफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार माह नवंबर में भारत में 17,073 करोड़ रुपए का निवेश निवेशको द्वारा sip के माध्यम से किया गया है। सितंबर में sip के माध्यम से हुए १४,०९१ करोड़ रुपए के रुपए के निवेश से यह 20% से भी अधिक बढ़ोतरी है।
ध्यान देने योग्य तथ्य यह भी है की वर्तमान में देश में त्योहारी सीजन चल रहा है कुछ समय पहले ही हिंदुओं का एक प्रसिद्ध त्योहार दिवाली भी था। दिवाली के त्योहार में देश के नागरिकों द्वारा जबरदस्त खरीदारी की गई थी, जिससे बैंकिंग, ऑटो, एफएमजी सेक्टर, रियल एस्टेट सेक्टर आदि में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है।
म्युचुअल फंड की सभी केटेगरी में निवेश के द्वारा द्वारा निवेश का रुझान लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। म्युचुअल फंड में निवेश आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है तथा इनका रिटर्न भी अति आकर्षक होता है। इनका रिटर्न / म्युचुअल फंड की कई स्कीम्स का रिटर्न तो पोस्ट ऑफिस के फिक्स डिपॉजिट, बैंकों की एफडीआर से भी ज्यादा मिलता है। जिससे म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक निवेश का माध्यम बन गए हैं।
म्युचुअल फंड में sip के माध्यम से निवेश करना अति सुरक्षित माना जाता है। एस आई पी के माध्यम से निवेश करने से जोखिम की मात्रा कम हो जाती है। म्युचुअल फंड की हर स्कीम्स के लिए म्युचुअल फंड हाउस द्वारा एक फंड मैनेजर नियुक्त किया जाता है, जो की अत्यंत ही अनुभवी होता है। उसको स्टॉक मार्केट की पूरी जानकारी होती है होती है। निवेशको द्वारा विभिन्न स्कीम्स में निवेश की गई पूंजी को वह विभिन्न जगह जैसे स्टॉक, कमोडिटी, रियलिटी, गोल्ड आदि में निवेश करता है। निवेश करने से पूर्व लिए जाने वाले स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस, फंडामेंटल एनालिसिस भी करता है तथा कंपनी की बैलेंस शीट का भी अध्ययन करता है। उसके उपरांत ही वह उसे स्टॉक में पूंजी निवेश करता है। फंड मैनेजर पूर्ण प्रयास करता है की उसके फंड हाउस के निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सके।
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